


भारत का इंग्लैंड दौरा लीड्स के हेडिंग्ले में पहले टेस्ट में पांच विकेट से हार के साथ निराशाजनक रूप से शुरू हुआ। भारतीय टीम ने बल्लेबाजी में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन गेंदबाजी चयन में चूक और खराब फील्डिंग की वजह से भारत को हार का सामना करना पड़ा।
हालांकि, सबसे ज्यादा चर्चा उस फैसले की हो रही है, जब शार्दुल ठाकुर को गेंदबाजी में देर से लाया गया। यह कदम भारतीय टीम के नए कप्तान शुभमन गिल की कप्तानी पर सवाल खड़े कर रहा है। पूर्व भारतीय ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने इस फैसले को लेकर कड़ी आलोचना की और कहा कि यह शार्दुल की क्षमता का सही इस्तेमाल नहीं था।
अश्विन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा - आपने शार्दुल ठाकुर को टीम में लिया है, लेकिन उन्हें पहले 40 ओवरों में गेंद नहीं दी, जबकि जो रूट बैटिंग कर रहे थे। और शार्दुल का रूट के खिलाफ अच्छा रिकॉर्ड है। शार्दुल ठाकुर एक मैच जिताने वाला खिलाड़ी है। वह बेन डकेट और हैरी ब्रूक को आउट कर चुका है। लेकिन अगर आप उसे सही समय पर इस्तेमाल नहीं करेंगे, तो वह क्या कर पाएगा? अगर उसे गेंद ही नहीं मिलेगी तो वह क्या फर्क ला पाएगा?
अश्विन का यह बयान टीम इंडिया के चयन और कप्तानी पर सवाल उठाता है। शार्दुल ठाकुर को भारत के लिए एक महत्वपूर्ण ऑलराउंडर माना जाता है, और उन्हें ऐसे मैचों में गेंदबाजी का मौका देना टीम के लिए फायदेमंद हो सकता था। खासकर जब इंग्लैंड के बल्लेबाजों के खिलाफ उनका अच्छा रिकॉर्ड रहा हो।
इससे यह भी जाहिर होता है कि शुभमन गिल की कप्तानी में निर्णय लेने में कुछ गलतियां हो सकती हैं। हालांकि, गिल के पास एक लंबा और कठिन रास्ता है, और उन्हें आने वाले मैचों में अपनी रणनीतियों पर पुनः विचार करने की आवश्यकता हो सकती है। क्या गिल को अपनी कप्तानी में बदलाव लाने की जरूरत है, या यह सिर्फ एक समय की चूक थी? यह सवाल अब टीम इंडिया के लिए महत्वपूर्ण बन गया है।